Shree
Vidya Level 3 Goa--- Hindi
Namah shivay the string of
higher level sadhnas in Goa concluded today with the curtains coming down on
the Shree Vidya level 3 shivir. Besides asking sadhaks to not even tell their
friends the name “Shree Vidya”, Baba ji advised total secrecy to be maintained
in so far as talking about sadhna is concerned. Do not disclose to anyone about
the meditations you do. No one should know that you meditate...e. Also Baba ji
asked all sadhaks who reside in coastal areas such as Maharashtra and Gujarat
to practice Shree Vidya thrice a day since any distortion in energy will
directly affect these areas first. Baba ji also prohibited visits to
Astrologers, Black Magic practitioners, Sorcerers and said that from now on
Your Baba is your Guru, Astrolger, Vaastu expert e.t. all. Baba ji forewarned
the sadhaks of any dangers that the materialistic pleasures might pose to the
spiritual growth of Shree Vidya 3 sadhaks who had become “saadhus” and whose
probability of attaining Self realisation increased by a huge amount after
burning millions of karmas over the last 10 days. The note has been updated for
the one last time. Blessings.
Day 10---Highlights
"माँ भगवती की लज्जा और प्रतिष्ठा का मान करना|
Baba ji
said that Shree Vidya sadhna must be given so much respect that even the term
“Shree Vidya” must ot be uttered in front of strangers. He said that being
merchants of jewels and diamonds, sadhaks must not blow their trumpet and
invite thieves of energy to them. At the same time Baba ji also said that now
the darker forces will be looking to attract the Shree Vidya 3 sadhaks because
of their higher energy. The evil will be looking for sadhaks with her energy.
But the sadhaks must remain determined and not bogged down by greed and other
baits. They must surrender completely to the Guru.
“अब तुम हीरे के ज़ोहरी बन गये हो| अब दर दर जाके ढिंढोरा नहीं पीटना की देखो मेरे पास कितने हीरे हैं आओ मुझे लूट लो| क्योंकि मैने जो शक्ति तुम्हारे भीतर स्थापित कर दी है अब वा तांत्रिकों और काई शक्टिओं के लिए अनमोल है| इन सब से बचना| अपना संकल्प मजबूत रखना| किसी दूसरी विद्दा के व्यवसायी के पास नहीं जाना|”
"गुरु की मर्यादा का पालन करना|"
Baba ji
will not be giving healing powers anymore to the sadhaks because of the rampant
misuse and wrong diversion of the healing techniques. Healing must be done
within the same house only. No seeking healing from outside.
“अपनी साधना प्रारंभ करने से पहले अपने गुरु को धन्यवाद देना क्योंकि यह उसी गुरु का तपोबल है जिस कारण आज तुम साधना सीख पाए हो और शक्ति ली पाए हो| गुरु ने ही बीज को व्रक्ष में परिवर्तित काइया जिसके फल तुम खा रहे हो| साधना से पूर्व गुरु से निवेदन करना की हे गुरुदेव मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ की आप मेरा मार्गदर्शन करो, मेरी रक्षा करो,मुझे काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार से मुक्ति दिलवाओ| हे गुरुदेव मैं आपका आवाहन करता हूँ|”
“जब मनुष्य मुक्ति के द्वार पर होता है तो माया उसे फिर पकड़ती है| प्रकृति उसकी परीक्षा लेती है| यदि तो तुम परीक्षा में fail हो जाते हो तो तुम्हारे संचित कर्म और भव्य रूप में तुम्हारे पास लौट आते हैं| इसीलिए उस शिव का नाम लेते रहना और काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार को अपने निकट नहीं आने देना| “
“अक्सर साधक यह ग़लती कर जाते हैं की पाँच कदम चलते तो हैं मोक्ष की ओर किंतु तीन कदम आगे चलते हैं और दो पीछे| इसी कारण बाधाएं आती है और आत्म साक्षात्कार होने में समय ल्गता है| अपनी energy को एक ही दिशा में divert करना| उस पर ब्रह्म को ही पाने का लक्ष्य रखना|”
“आजकल मोक्ष भी बड़ा fashion बन गया है| आजकल तो लोग मोक्ष के कई प्रकार बेचते हैं: Deluxe, Super deluxe, Siddha
course, Buddha course. यह सब ढोंग है| सच्चा गुरु वो जो नाम धन दे और ऐसे बड़े बड़े दावे करने की बजाय तुममें एक सुंदर रूपांतरण लाने का वचन दे|”
“एक बात गाँठ बाँध लेना की जीवन में shortcut नहीं होते| कोई भी सांसारिक या आध्यात्मिक उपलब्धि को हासिल करना है तो ताप और परिश्रम तो करना ही होगा| आसानी से कुछ नहीं मिलेगा| मेहनत करनी ही होगी| पसीना बहाना ही होगा| साधना करनी ही होगी| यदि तुम्हे कोई यह कहे की पैसे देके तुम उच्च की साधनाएँ सीख सकते हो तो कभी विशास नहीं करना| सिद्ध मार्ग में कोई छोटा रास्ता नहीं होता| लगान,श्रद्धा, भक्ति और नियमितता अपने जीवन में लाकर देखो| मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है| रूपांतरण धीरे धीरे ही आएगा| Instant results की अपेक्षा नहीं करना| सहज पके सो मीठा|”
“तुम सभी अब शिवानंद के शिष्य हो| (This line said by Baba ji drew
a rapturous response and for at least the next 10 minutes, the claps and
applause did not abate). यह अब तुम्हारा आख़िरी जीवन है| अब भटकना नहीं| साधना लगातार करते जाना| श्री विद्या मंत्र का निरंतर जाप करते रहना जिससे की कर्म तेज़ी से कटें| इस मंत्र में आपार शक्ति है| बड़ी श्रद्धा और आदरपूर्वक इसे करना|”
“हर साधना के बाद सभी के लिए प्रार्थना करना| यह माँगना की सबका कल्याण हो, सभी का उत्थान हो और सही की आध्यात्मिक उन्नति हो|”
Baba ji
strictly warned the sadhaks from going to astrologers, soothsayers, and
magicians etc. to predict their future or some other purpose. From now Baba ji
Himself is our Vaastu expert, our astrologer, our clairvoyance expert etc.
After
Shree Vidya 3, Baba ji said that all the sadhaks in Goa have become saadhus on
the verge of spiritual realization. Only a test separates them from reaching
the Ultimate now. The test is winning over the senses and rising above worldly
pleasures.
The pooja
altar must not have an energy interference. There must not be any clutter or
unwanted dirt or objects near the pooja altar.
Baba ji
said that although all sadhaks must practice Shree Vidya sadhna twice daily,
those sadhaks residing in coastal areas as Mumbai must practice it thrice daily
because they will bear the first brunt of any disturbance and turbulence in
energy in the sea.
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